इन राज्यों में बिगड़ेगा मौसम, अगले 3 दिन भारी बारिश और आंधी की चेतावनी


नई दिल्ली। कोरोना वायरस की महामारी के बीच देश में मौसम लगातार करवट बदल रहा है। दो दिन पहले ही देश की राजधानी दिल्ली और इससे सटे आस-पास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश और भारी ओलावृष्टि देखने को मिली थी। बारिश और ओलावृष्टि की वजह से किसानों की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। अब रविवार से एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत को प्रभावित करने जा रहा है, जिसके चलते देश के कई राज्यों में अगले तीन दिन तक भारी बारिश और आंधी का दौर देखने को मिल सकता है।


 


इन राज्यों के लिए जारी हुआ अलर्ट


'द वेदर चैनल' की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड और कर्नाटक-केरल के तटीय इलाकों में बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। इसके साथ ही ओडिशा, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु के भी कुछ हिस्सों में बारिश देखने को मिल सकती है। वहीं, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश और तेज आंधी की आशंका जताई गई है।



सोमवार और मंगलवार को यहां भी जारी रहेगी बारिश


रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश और आसपास के क्षेत्र में एक चक्रवाती सर्कुलेशन की स्थिति बनी हुई है और बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवा पूर्वी व उत्तर पूर्वी भारत में नमी लाएगी। इसके चलते पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत में बिजली चमकने के साथ-साथ भारी बारिश देखने को मिलेगी। अलर्ट में कहा गया है कि झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में सोमवार को तेज हवाओं के साथ भारी बारिश और आंधी के आसार हैं। वहीं, मंगलवार को भी झारखंड, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में बारिश जारी रहेगी।


 


इन तीन राज्यों में मौसम बना रहेगा शुष्क


हालांकि हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में तापमान 40 डिग्री तक बना रह सकता है। इसके अलावा गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा में रविवार से लेकर अगले पांच दिनों तक मौसम शुष्क ही बना रहेगा। गौरतलब है कि मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल देश में सामान्य मानसून रहने वाला है। हालांकि जून के महीने में सामान्य से कम बारिश होने के आसार जताए गए हैं। वहीं, जुलाई का महीना भी लगभग सूखा गुजरने वाला है। इसके बाद अगस्त और सिंतबर के महीने में झमाझम बारिश का अनुमान लगाया जताया गया है।



'मानसून की शुरुआत और वापसी' की तारीखों में बदलाव


मौसम विभाग ने बारिश के पैटर्न और उसमें बदलाव की प्रक्रिया के कारण मानसून के आने और जाने में होती रही देरी को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग क्षेत्रों में 'मानसून की शुरुआत और वापसी' की तारीखों को संशोधित भी किया है। हालांकि मौसम विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि भारत में मानसून के पहुंचने के मुख्य समय यानी केरल में इसके दस्तक देने के समय में कोई बदलाव नहीं होगा। उदाहरण के तौर पर, जालंधर जैसे शहरों में मानसून की शुरुआत की तारीख 13 जुलाई थी, लेकिन आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर अब यहां मानसून पहुंचने की तारीख बदलकर 28 जून की गई है। इससे इस बात के भी संकेत मिलते हैं कि इस साल देश के एक बड़े हिस्से में मानसून समय से पहले पहुंच जाएगा।



पूरे देश में एक हफ्ते पहले सक्रिय होगा मानसून


मौसम विभाग ने बताया, 'हमारे विश्लेषण के मुताबिक, मध्य और पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में, मानसून के पहुंचने में 3 से 7 दिन की देरी होगी, लेकिन ठीक उसी समय मानसून राजस्थान के क्षेत्रों में पहले की अपेक्षा जल्दी सक्रिय हो जाएगा। इससे भी जरूरी बात यह है कि इस साल मानसून पूरे देश में एक हफ्ते पहले सक्रिय हो रहा है। मानसूनी बारिश सामान्य रूप से 14 जुलाई तक देश के पूरे हिस्से को कवर कर लेती है। लेकिन, इस बार यह सात दिन पहले ही पूरे देश को कवर कर रही है। इसी तरह भोपाल में मानसूनी बारिश की शुरुआत के समय को बदलकर 15 जून से 22 जून किया गया है।' मौसम विभाग का कहना है कि मानसून की शुरुआत और वापसी की तारीखों में संशोधन से कृषि क्षेत्र, पावर सेक्टर, वॉटर रिसॉर्स मैनजमेंट और बारिश से पहले की तैयारियों में मदद मिलेगी।