राधा गोविंद विश्वविद्यालय, झारखंड व राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश की और से एक दिवसीय वेबिनार का 25 जून को आयोजन।

अर्थव्यवस्था और सामाजिक जीवन के अलावा कोरोना वायरस ने जिस चीज को सर्वाधिक प्रभावित किया है वह है शिक्षा व्यवस्था और पठन-पाठन। स्कूल से लेकर उच्च स्तरीय शिक्षा लगभग ठप हो गई है। हालांकि कुछ स्कूल कॉलेज या विश्वविद्यालयों ने जूम, गूगल क्लासरूम, माइक्रोसॉफ्ट टीम, स्काइप जैसे प्लेटफॉर्मओं के साथ साथ यूट्यूब, व्हाट्सएप आदि के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षण का विकल्प अपनाया है। जो इस संकट काल में एकमात्र रास्ता है, लेकिन इस ऑनलाइन शिक्षा का कुछ हलकों में इस प्रकार से महिमामंडन किया जा रहा है मानो हमारी शिक्षा व्यवस्था की हर समस्या का समाधान इसमें छुपा हुआ है।


क्या सचमुच ऑनलाइन शिक्षा देश की सारी शैक्षिक जरूरतों का हल है?


क्या ऑनलाइन शिक्षा कक्षा शिक्षा का समुचित विकल्प है और भारतीय परिवेश के अनुकूल है?


इन प्रश्नों का उत्तर जानने के साथ यह समझना भी जरूरी होगा कि शिक्षा के उद्देश्य क्या है?


राधा गोविंद यूनिवर्सिटी रायगढ़ झारखंड वह राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन प्रस्तावित है।


विषय:-


# ऑनलाइन शिक्षण चुनौतियां तथा उपयोगिता


# वैश्विक महामारी में परिजनों व विद्यार्थियों की मनोदशा: कारण व निवारण


# विषाणु मुक्त वातावरण निर्माण में विद्यालय समुदाय व विद्यार्थियों की भूमिका


# वैश्विक महामारी के दौर में शिक्षण के संभावित विकल्प संयोजक


डॉ रणवीर सिंह


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