महिला कॉस्टेबल सुषमा कुमारी खाकी के फर्ज के साथ मां की ममता का भी निभा रही धर्म

मुज़फ्फरनगर



  • कोरोना के जानलेवा संक्रमण का डर जहा हवाओं में घुल गया,वहां ये खाकी सीना तानकर खड़ी

  • कर्मयोद्धाओ व महायोद्धाओ को दिल से सलाम


वैसे तो पुलिस की कार्यप्रणाली किसी आमजन को पसंद नही आती है लेकिन सच्चाई यही है कि पुलिस भी हममें से ही एक है, बस फर्क इतना हैं वह बदन पर ख़ाकी पहनकर कर देश की सेवा कर रही है।ऐसी ही एक महिला सिपाही की हम बात कर रहें हैं जो अपनी मासूम सी बेटी को साथ लेकर लॉक डाउन में लगे हॉटस्पॉट पर अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रही है।मुजफ्फरनगर जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र के चौकी किदवईनगर में कोरोना वायरस के कारण बना हॉटस्पॉट पर एक महिला पुलिसकर्मी ऐसी भी हैं जो न केवल खाकी का फर्ज निभा रही हैं, बल्कि मां की ममता का भी धर्म भी निभा रही हैं।
वैसे कोरोना का प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि लोगों को अपनी ही सांसों से डर लगने लगा है ऐसे में दूसरों को बचाने के लिए कुछ लोग फरिश्ते की तरह लगे हुए हैं पुलिस भी उनमें से एक ही है उनमें भी ऐसी महिला कर्मयोद्धा हैं जो अपने छोटे छोटे बच्चों को साथ लेकर व उनसे दूर रहकर अपनी ड्यूटी को बाखुबी अंजाम दे रही हैं।
इस महिला सिपाही का नाम  शुषमा कुमारी बताया जा रहा हैं इससे पूर्व कॉस्टेबल शुषमा जिला अभियोजन कार्यलय में तैनात थी लेकिन अब उसको शहर कोतवाली क्षेत्र के किदवईनगर में बने कोरोना हॉटस्पॉट पर ड्यूटी लगाई हुई है।अपनी ड्यूटी को अंजाम देने के साथ साथ वह अपनी करीब 3 साल की मासूम बेटी के साथ अपने कर्तव्यों व ड्यूटी को बाखुबी अंजाम दे रही है तो वही महिला कॉस्टेबल सुषमा का कहना हैं कि ऐसे में छोटी बच्ची को घर पर छोड़ना भी संभव नहीं हैं।लिहाजा इस महिला कांस्टेबल ने अपने फर्ज ओर ड्यूटी को साथ निभाने की ठानी हुई है।
वैसे देखा जाए तो ऐसी चिलचिलाती धूप में बच्चा कई बार परेशान भी हो जाता है लेकिन खाकी के फर्ज के आगे एक मां का दिल फिर भी नहीं पसीजता है।
जहां कोरोना के जानलेवा संक्रमण का डर हवाओं में घुल गया है, वहां ये खाकी सीना तानकर खड़ी हो गई है ऐसे कर्मयोद्धाओ व महायोद्धाओ को दिल से सलाम।।