नई दिल्ली,
लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ाए जाने के बाद मुंबई में प्रवासी कामगार बांद्रा रेलवे स्टेशन और ठाणे के मुंब्रा इलाके में अचानक बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरकर अपने गृहराज्य भेजे जाने की मांग करने लगे, जिससे उत्तर प्रदेश में सियासी घमासान मच गया और राजनीतिक बयानबाजी व आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं.
कोरोना के चलते लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ी
मुंबई में मजदूर अपने गृहराज्य वापस जाना चाहते हैं
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद सोमवार को प्रवासी कामगार मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन और ठाणे के मुंब्रा इलाके में अचानक बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरकर गृहराज्य भेजे जाने की मांग करने लगे, जिससे उत्तर प्रदेश में सियासी घमासान मच गया और राजनीतिक बयानबाजी व आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी तक ने ट्वीट करके मजदूरों की समस्याओं को उठाया है.
प्रियंका गांधी ने मजदूरों का ख्याल न रखने का आरोप मोदी सरकार पर लगाया तो सपा प्रमुख ने सूबे की योगी और केंद्र की मोदी सरकार पर वार किया तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि अनपढ़ों जैसी बातें न कीजिए.
मुंबई के मजदूरों को लेकर सवाल खड़े किए हैं कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी. प्रियंका गांधी ने कहा कि आखिर हर बार हर विपत्ति गरीबों और मजदूरों पर ही क्यों टूटती है? उनकी स्थिति को ध्यान में रखकर फैसले क्यों नहीं लिए जाते? उन्हें भगवान भरोसे क्यों छोड़ दिया जाता है? लॉकडाउन के दौरान रेलवे टिकटों की बुकिंग क्यों जारी थी? स्पेशल ट्रेनों का इंतजाम क्यों नहीं किया गया?
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उनके (मजदूरों) पैसे खत्म हो रहे हैं, स्टॉक का राशन खत्म हो रहा है, वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. ऐसे में वो घर गांव जाना चाहते हैं. इसकी व्यवस्था होनी चाहिए थी. प्रियंका ने कहा कि अभी भी सही प्लानिंग के साथ इनकी मदद की व्यवस्था की जा सकती है. मजदूर इस देश की रीढ़ की हड्डी हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करते हुए कहा- भगवान के लिए इनकी मदद कीजिए.
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि मुंबई में हजारों लोगों के सड़कों पर आकर घर लौटने की मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश की सरकार तुरंत नोडल अधिकारी नियुक्त करे और केंद्र के साथ मिलकर महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के लोगों को निकाले. उन्होंने कहा कि सरकार जब अमीरों को जहाज से विदेशों से ला सकती है तो गरीबों को ट्रेनों से क्यों नहीं लाया जा सकता है ?
मुंबई की सड़कों पर अपने घर लौटने की मांग करते हुए हजारों लोग जमा हो गए थे, जिससे लॉकडाउन का अनुशासन पूरी तरह से ध्वस्त हो गया. ऐसे में अखिलेश ने बीजेपी सरकारों को घेरने की कोशिश में ट्वीट के जरिए तंज किया तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने जवाबी हमला किया.
स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा, 'अनपढ़ों की तरह बात मत करिए अखिलेश जी, दूसरे राज्यों में रह रहे उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति पहले ही हो चुकी है. उन अधिकारियों के नंबर जारी किए जा चुके हैं. रोज यूपी के मुख्य सचिव उन अधिकारियों से बात करते हैं और सभी नोडल अधिकारी उन राज्यों में रहने वाले यूपी के लोगों के संपर्क में हैं, उनकी मदद कर रहे हैं.
अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आप राजनीति छोड़िए और कोरोना से संघर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के साथ सहभागी बनिए. इस दौरान स्वतंत्रदेव सिंह ने अपने ट्वीट के साथ नोडल अधिकारियों की सूची नाम और फोन नबंर सहित टैग कर दी. रोज यूपी के मुख्य सचिव उन अधिकारियों से बात करते हैं.मुंबई की सड़कों पर अपने घर लौटने की मांग कर रहे मजदूरों में ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं. ये लोग रोजी रोटी के लिए मुंबई में रह रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के बाद कारोबार पूरी तरह से बंद है. ऐसे में इन प्रवासी मजदूरों का रोजगार छूट गया है और खाने पीने की किल्लत है. ऐसे में ये अपने घरों को वापस जाना चाहते हैं. इसीलिए मुंबई के मजदूरों के उतरने को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू है.