शाहीनबाग के प्रदर्शनकारी बोले- हमने नहीं रोकी आवाजाही, पुलिस ने बंद किया रास्ता

सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीनबाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि आवाजाही रास्ते हमने नहीं बंद की है, पुलिस ने रास्ता ब्लाक कर रखा है। वहां पर विरोध कर रही एक बुजुर्ग महिला बिल्किस ने कहा कि चाहे कोई गोली भी चला दे, वे वहां से एक इंच भी नहीं हटेंगे। नाराज वृद्ध महिला ने कहा कि मुख्य तम्बू जहां पर पोडियम खड़ा किया गया है, उसने सड़क के केवल 100 से 150 मीटर हिस्से को ही घेर रखा है।सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीनबाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि आवाजाही रास्ते हमने नहीं बंद की है, पुलिस ने रास्ता ब्लाक कर रखा है। वहां पर विरोध कर रही एक बुजुर्ग महिला बिल्किस ने कहा कि चाहे कोई गोली भी चला दे, वे वहां से एक इंच भी नहीं हटेंगे। नाराज वृद्ध महिला ने कहा कि मुख्य तम्बू जहां पर पोडियम खड़ा किया गया है, उसने सड़क के केवल 100 से 150 मीटर हिस्से को ही घेर रखा है।


उन्होंने कहा, ‘हमने पूरे हिस्से को अवरुद्ध नहीं कर रखा है। दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के नाम पर पूरी सड़क पर बंद कर दी है। आप पहले उसे क्यों नहीं हटाते? हमने कभी भी पुलिस या किसी अधिकारी से हमारे लिए सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए नहीं कहा। उन्होंने ही सड़क बंद कर रखी है और अब नाकेबंदी के लिए हमें दोषी ठहरा रहे हैं।’  उन्होंने कहा कि जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता तब तक वे वहां से नहीं हटेंगे।


सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बातचीत करने पहुंचे वार्ताकारों से प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह सीएए एनआरसी और एनपीआर को खत्म किए जाने के बाद ही हटेंगे। हालांकि वार्ताकार अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन के साथ पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला भी प्रदर्शनकारी महिलाओं से बातचीत करने और गतिरोध तोड़ने की कोशिश में शाहीन बाग पहुंचे। शाहीन बाग सीएए विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र बना हुआ है।


दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में बीते 15 दिसंबर से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकार बुधवार को प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। इस दौरान वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से करीब 2 घंटे तक बातचीत की लेकिन मसले को कोई हल नहीं निकला।


दोनों वार्ताकारों ने मंच से प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़कर सुनाया और समझाने की कोशिश की। इस दौरान साधना रामचंद्रन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह कतई नहीं कहा कि आपके विरोध के अधिकार को छीना जाए। हम इस मसले का एक ऐसा हल निकालने पर विचार कर रहे हैं जो दुनिया में मिसाल पेश करे।


वहीं एक तरफ वार्ताकार प्रदर्शनकारियों को सुन रहे थे तो दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल के कामकाज संभालने के बाद यह उनकी शाह के साथ पहली बैठक है। यह बैठक करीब 20 मिनट तक शाह के आवास पर चली। पहले यह बैठक गृह मंत्रालय में होनी थी।


केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी से मुलाकात की। काफी सार्थक और अच्छी बैठक रही। दिल्ली से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई। हम दोनों ही इस बात पर सहमत हुए कि दिल्ली के विकास के लिए हम साथ काम करेंगे।’ हालांकि इस दौरान दोनों के बीच शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को दूसरे स्थल पर जाने के लिए मनाने के लिए दो वार्ताकारों की नियुक्ति की है।