राष्ट्रीय हिन्दी परिषद शाखा मुजफ्फरनगर के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का भव्य आयोजन

राष्ट्रीय हिन्दी परिषद शाखा मुजफ्फरनगर के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का भव्य आयोजन पी0एस0 पब्लिक स्कूल, मुजफ्फरनगर के प्रांगण में मुख्य अतिथि बीबी चैरसिया एस0पी0 ट्रैफिक, डा0 एस0एन0 चैहान, डायरेक्टर एस0डी0 इन्जीनियरिंग काॅलेज, गजेन्द्र पाल सिंह अध्यक्ष राष्ट्रीय हिन्दी परिषद कुलदीप शिवांच प्रतियोगिता संयोजक महेश पाल सिंह, विजयपाल सिंह, जशवीर राणा, देवी सिंह ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन विकास भार्गव व प्रवेन्द्र दहिया ने संयुक्त रूप से किया।
    राष्ट्रीय हिन्दी परिषद में जनपद के इस वर्ष 125 विद्यालयों के 14600 बच्चों ने प्रतिभाग किया और उनके प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान पर आये हुए 140 बच्चों को हिन्दी सुलेख, हिन्दी भाषण प्रतियोगिता में पुरस्कृत किया गया। इसके साथ-साथ प्रतियोगिता में सर्वाधिक छात्र बैठाने वाले विद्यालय प्रथम स्थान पर दी स्काई लैण्ड स्कूल शाहपुर, द्वितीय स्थान पर राखी पब्लिक स्कूल सोहजनी तगान व तृतीय स्थान पर आये न्यू होरीजन पब्लिक स्कूल मुजफ्फरनगर को सम्मानित किया गया।
    हिन्दी सुलेख प्रतियोगिता प्रथम वर्ग में शानेआलम कृष्णा, दीनी, नव्या, द्वितीय वर्ग सक्षम, अंशिका, अभय, तृतीय वर्ग में अंकुश कुमार, खुशी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
    हिन्दी ज्ञान प्रतियोगिता में सलोनी त्यागी, करीना, लक्षित, परी गोयल, हर्ष सैनी, देवराज, मयंक बालियान, दीया ने अलग-अलग वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को डा0 राजीव कुमार, अनिल शास्त्री, सुघोष आर्य, संजीव काकरान, चन्द्रवीर सिंह, पंकज धीमान, देवेन्द्र सिंह, गय्यूर अली, प्रवीन कुमार, ओमपाल सिंह एडवोकेट, डा0 अरशद सम्राट ने बच्चों को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार देकर बच्चों का हौंसला बढाया। भाषण प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में तनु चैधरी, जहानवी करसाली, परी गोयल, प्री-सीनियर वर्ग में वर्णिका सिंघल, यश त्यागी, अरकम, खुशनिगा, व सीनियर वर्ग में साक्षी सैनी, मानसी, सादिया प्रवीन ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करते हुए अतिथियों द्वारा पुरस्कार प्राप्त किया। मुख्य अतिथि बी0बी0 चैरसिया ने अपने सम्बोधन में बताया कि हिन्दी भाषा विश्व में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा है और सभी को इसको बढावा देने के लिए इस भाषा को हृदय से अपनाकर इसका दैनिक जीवन में सर्वाधिक उपयोग करना चाहिए। डा0 एस0एन0 चैहान और गजेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि हिन्दी विश्व में व्यापार की भाषा भले ही न हो लेकिन भारत के हृदय की भाषा है। यह लोगों को एकता के सूत्र में बांधती है। कार्यक्रम को सफल बनाने में संदीप मलिक, मीनू चैधरी, पिंकी चैधरी, माला शर्मा, उषा बधानी, अंजू, मोनिका, उषा, सोनम, शिल्पी, गौरव, राम गोपाल, नितेश, मीनू, वेदपाल, सुनील कुमार आदि का सहयोग रहा।