यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के दौरान किसी भी छात्र के जूते-मोजे नहीं उतरवाए जाएंगे। सेंटर या कक्ष में प्रवेश के समय चेकिंग कर ली जाएगी।
शासन ने बोर्ड परीक्षा के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। आमतौर पर केंद्र व्यवस्थापक अपने बचाव के लिए छात्रों की इस तरह तलाशी लेते हैं जिससे छात्रों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। वह जूते-मोजे आदि सभी कक्ष के बाहर उतरवा लेते हैं। छात्रों को नंगे पांव परीक्षा देनी पड़ती है। फरवरी में होने वाली परीक्षा के कारण संवेदनशील छात्र बीमार भी हो जाते हैं। इसे देखते हुए सभी प्रशासनिक व शिक्षा विभाग के अफसरों को इसकी जानकारी दे दी गई है।
बाहर से नकल हुई से एसएम जिम्मेदार : यदि किसी परीक्षा केंद्र पर बाहर से नकल कराई जा रही है तो इसके लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट को उत्तरदायी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। नकलविहीन परीक्षा के लिए सभी केंद्रों पर हर कक्ष में वॉयस रिकार्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा, रिकार्डिंग के लिए डीवीआरस, चहारदिवारी और एक गेट से प्रवेश के साथ फर्नीचर की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है।
जिला स्तर पर बनेगी कमेटी : जिला स्तर पर नकलविहीन परीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें प्रशासनिक, पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल किए जाएंगे। समाज के अन्य वर्ग के सदस्यों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
लड़कियों की तलाशी न लें पुरुष : इस बात की भी सख्ती से निर्देश है कि सचल दल आदि में शामिल पुरुष सदस्य किसी छात्रा की तलाशी न लें। केवल महिलाएं ही तलाशी ले सकेंगी।
निर्देश ’ सभी प्रशासनिक व शिक्षा विभाग के अफसरों को निर्देश दिए गए ’ जूते-मोजे उतरवाकर तलाशी लेने पर बीमार हो जाते कई बच्चे