विदाई के समय दूल्हे द्वारा दहेज में कार की मांग करने पर शादी से इंकार

सिसौली (मुजफ्फरनगर)।


कस्बे की बहादुर बिटिया ने विदाई के समय दूल्हे द्वारा दहेज में कार की मांग करने पर शादी से इंकार कर दिया। गुस्साए दुल्हन पक्ष ने दिल्ली के नांगलोई से आई बरात को बंधक बना लिया। सूचना पर पुलिस ने दूल्हे व उसके पिता-भाई सहित चार लोगों को हिरासत में ले लिया, जिन्हें भाकियू अध्यक्ष की मध्यस्थता के बाद हर्जे-खर्चे पर समझौता होने के बाद छोड़ दिया गया।


कस्बा सिसौली निवासी रूहेला समाज के परिवार की बेटी का रिश्ता नई दिल्ली के नांगलोई निवासी विवेक पुत्र बलवान सिंह से तय हुआ था। 12 दिसंबर का दिन शादी के लिए तय किया गया था। बृहस्पतिवार की शाम दिल्ली से बरात सिसौली पहुंच गई, जिसके बाद दुल्हन पक्ष आवभगत में लग गया। शुक्रवार तड़के दुल्हन की विदाई की तैैयारियां की जाने लगीं। जब दुल्हन विदा होने लगी तो दूल्हे ने कार की मांग कर डाली। दूल्हे व उसके परिजनों को कई बार समझाया गया, लेकिन वह नहीं माने। इससे गुस्साई दुल्हन ने दूल्हे के साथ जाने से इंकार कर दिया। गुस्साए परिजनों ने बारातियों को ही बंधक बना लिया। सूचना पर भौराकलां थानाध्यक्ष विरेंद्र कसाना टीम के साथ मौके पर पहुंचे और दूल्हे के साथ ही उसके पिता-भाई व एक दोस्त को थाने पहुंचा दिया और अन्य बरातियों को नांगलोई (दिल्ली) लौटा दिया।
दुल्हन पक्ष ने भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के यहां पहुंचकर मामले की जानकारी दी, जिसके बाद एक बार फिर दुल्हन से बात की गई, लेकिन उसने दहेज मांगने वाले दूल्हे के साथ जाने से इंकार कर दिया। इसके बाद थाने से दूल्हे के पिता को बुलवाकर दोनों पक्षों के बीच वार्ता कराई गई। बाद में चौधरी नरेश टिकैत की मध्यस्थता से दूल्हे पक्ष द्वारा दुल्हन पक्ष को हर्जे-खर्चे की भरपाई के लिए दस लाख रुपये दिए जाने की सहमति जताने पर दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया। इसके बाद दूल्हे के पिता ने दुल्हन पक्ष के बैंक खाते में दस लाख रुपये ट्रांसफर कराए, जिसके बाद बंधक बनाए गए दूल्हे, उसके पिता-भाई व दोस्त को भी छोड़ दिया गया। मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
लड़की पक्ष ने दहेज मांगने की तहरीर दी थी, जिस पर दूल्हे व उसके पिता - भाई सहित चार लोगों को हिरासत में लिया गया था। बाद में दोनों पक्षों में समझौता होने पर उन्हें छोड़ दिया गया। दुल्हन द्वारा शादी से इंकार कर दिया गया।