राहुल गांधी के साथ दिख रही लड़की, पुलिस लाठीचार्ज का विरोध करने वाली जामिया की छात्रा नहीं

नहीं, राहुल गांधी के साथ दिख रही लड़की, पुलिस लाठीचार्ज का विरोध करने वाली जामिया की छात्रा नहीं
हिजाब डाले महिला के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की एक तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। इसके साथ, दिल्ली में CAA-विरोधी प्रदर्शनों के दौरान पुलिस लाठीचार्ज से अपने पुरुष मित्र को बचाने वाली एक महिला की दो और तस्वीरें, यह बताते हुए कि वे वही लोग हैं, पोस्ट की गई हैं। इनका दावा है कि CAA-विरोधी छात्रों के विरोध-प्रदर्शन कांग्रेस की साजिश हैं।


पूरा दावा इस प्रकार है- “#राहुल_गांधी के साथ ये वही #जिहादिन है जो कल सुरक्षा बलों पर पथराव कर रहे दंगाई को बचा रही थी और भद्दी भद्दी गालिया दे रही थी।🤔राहुल के साथ इसका फ़ोटो देखकर एक बात साफ हो गई कि ये दंगे पूर्ण रूप से सुनियोजित तरीके से #कोंग्रेस ओर #आम_आदमी_पार्टी के मिलीभगत से हुआ है।😠आज पूरा देश देख रहा है कितने गद्दार भरे पड़े हैं हमारे बीच में।”


एक उपयोगकर्ता दिलीप साहू के फेसबुक पोस्ट ने अब तक करीब 300 शेयर बटोरे हैं।


अकाली दल के विधायक मनजिंदर एस सिरसा,' जो पहले भी कई बार गलत जानकारियाँ शेयर करते हुए देखे गए हैं, उन्होंने भी 3 तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, “अब हम सब जानते हैं कि दिल्ली में हुए हिंसक प्रदर्शन के पीछे किसका हाथ है।


वही महिलाएं नहीं


हमने राहुल गांधी के साथ वाली लड़की की अकेले खड़ी तस्वीर को निकाला और गूगल पर उसकी रिवर्स इमेज सर्च की। इससे पता चला कि लड़की का नाम सफा फेबिन है, वह केरल के मलप्पुरम के करुवकुंडु गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल की 17-वर्षीया छात्रा है। गांधी उस स्कूल में उनकी नई विज्ञान प्रयोगशाला का उद्घाटन करने के लिए गए थे। उस लड़की ने गांधी के भाषण का अनुवाद किया था, जब उन्होंने अपने अंग्रेजी भाषण का मलयालम में अनुवाद करने की 4000 छात्रों को खुली चुनौती दी थी।


दूसरी ओर, अन्य दो तस्वीरें जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के दौरान की हैं जो जामिया नगर में एक घरेलू परिसर में थीं। मोजो स्टोरी के एक साक्षात्कार में पत्रकार बरखा दत्त ने जामिया मिलिया इस्लामिया की इन महिलाओं से बात की और लदीदा और आयशा के रूप में इनकी पहचान की।


निष्कर्ष रूप में, जामिया मिलिया के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के मद्देनजर, विरोध-प्रदर्शनों को कांग्रेस नेतृत्व की साजिश और राजनीति-प्रेरित बताने के लिए दो अलग-अलग घटनाओं की तस्वीरें साझा की गईं।