मौज-मस्ती और छुट्टी के लिए वायरल किया था DM का फेक आदेश पत्र, अब कार्रवाई हुई तो माफी के लिए लोगों ने लगाई गुहार
डीएम का फर्जी लेटर पैड बनाकर और फर्जी हस्ताक्षर से स्कूलों की छुट्टी का आदेश जारी करने के मामले में गिरफ्तार दो छात्रों के समर्थन में संगठनों से लेकर अभिभावकों और अन्य छात्र-छात्राओं ने सरकार से लेकर अफसरों तक बच्चों को माफ करने की गुहार लगाई है। ट्वीटर से लेकर व्हाट्सएप के अनेक ग्रुपों पर हजारो कमेंट हुए हैं और लोगों का कहना है कि बच्चे हैं उन्होंने गलती की, लेकिन अब उन्हें माफ कर दें।
फोनरवा के अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने डीएम से मुलाकात कर उनसे अनुरोध किया कि वह बच्चों के भविष्य की खातिर उन्हें माफ कर दें । डीएम ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वह बच्चों की रिहाई के लिए गंभीरता से विचार करेंगे और बच्चों का भविष्य खराब नहीं होने दिया जाएगा। इसमें महासचिव के के जैन वरिष्ठ,उपाध्यक्ष ओ.पी यादव आदि शामिल थे।
जनशक्ति सेवा समिति ने की अपील : जनशक्ति सेवा समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र चोपड़ा ने खुद इस मामले में अपील करने के साथ ही अन्य संगठनों से भी अपील की कि वह जिलाधिकारी से मिलें और बच्चों को माफ करने के लिए कहें, ताकि इन बच्चों को बोर्ड की परीक्षा बाधित ना हो और उनका भविष्य खराब ना हो।
आरडब्ल्यूए ने भी की अपील : सेक्टर 82 स्थित उद्योग विहार केआरडब्ल्यूए अध्यक्ष योगेश शर्मा ने कहा कि गलतियां बच्चों से होती हैं । जिलाधिकारी से विन्रम निवेदन है कि वह बच्चों को कड़ी चेतावनी दे करउन्हें माफ कर दें।
लोगों ने निवेदन किया
अमित गुप्ता
मानता हूं कि इन दोनों छात्रों ने जो कार्य किया वह बिल्कुल गलत था, परंतु दोनों 12वीं के छात्र हैं और इस सजा से उनका करियर खराब हो सकता है। इतना ही निवेदन करना चाहता हूं कि इनकी भूल को माफ कर दें।
दिवाकर सिंह
बहुत सारे संदेश बच्चों के समर्थन में आ रहे हैं, अच्छी बात है। बच्चों की मस्ती में की गई गलती को सबक लेकर क्षमा करना अच्छा है। किन्तु, प्रश्र यह भी है कि कौन- कौन सी गलती बच्चों द्वारा मस्ती में की गई क्षमा करने के योग्य है?
आर.एन श्रीवास्तव
बच्चों द्वारा फर्जी पत्र बनाया जाना गम्भीर अपराध है। सख्त कदम सभी बच्चों के लिए संदेश है कि इस तरह की गलतियों का दंड तो मिलता ही है।
सुशील कुमार जैन
बच्चों ने जो गलती की है उसका दंड का जो संदेश है वो सबके बीच जा चुका है अब सिर्फ बच्चों से लिखित माफी लेकर छोड़ देना चाहिये।
ए.एस आर्य
डीएम महोदय, इन बच्चों से जो गलती हुई है, निवेदन है कि बच्चों-अभिभावकों को चेतावनी देकर उन्हें माफ कर दें।
रो रहे थे बच्चे
अंतरिम जमानत मिलने के बाद शाम को दोनों बच्चों को बाल सुधार गृह से रिहा कर दिया गया। रिहाई के बाद इन दोनों बच्चों को परिजन अपने साथ घर लेकर पहुंचे। परिजनों का कहना था कि बाहर आने के बाद से ही दोनों सिर्फ रो रहे हैं और अभी उनकी हालत सामान्य नहीं है। इस घटना का उनके मन पर काफी बुरा असर पड़ा है।
जागरूक करें
डीएम बीएन सिंह ने कहा कि आईटी के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं, हमें यह सोचना होगा कि हम इसका कैसे प्रयोग कर रहे हैं। आज इन बच्चों ने मेरा फर्जी आदेश निकाला, संभव है कि कल वह या कुछ अन्य बच्चे कुछ और बड़ा फ्राड करें। इसके लिए आवश्यक है कि उन्हें बताया जाए कि आईटी का कैसे प्रयोग करना है और कैसे नहीं।
सुप्रीम कोर्ट से आए पांच अधिवक्ता
बच्चों की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट से भी पांच अधिवक्ताओं का प्रतिनिधिमंडल जुवेनाइल कोर्ट पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता वैभव मिश्रा ने बताया कि उनके साथ ही अरूण मिश्रा और तीन अन्य अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट से आए हैं। इस मामले में 3 जनवरी को होने वाली सुनवाई के दौरान भी वह और उनके अन्य साथी उपस्थित रहेंगे