अब डैमेज कंट्रोल मोड में हैं हम लोग’, CAA, NRC के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन पर बोले केंद्रीय मंत्री- हमलोगों को ऐसी उम्मीद थी ही नहीं

 


'अब डैमेज कंट्रोल मोड में हैं हम लोग', CAA, NRC के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन पर बोले केंद्रीय मंत्री- हमलोगों को ऐसी उम्मीद थी ही नहीं
केंद्रीय मंत्री के अलावा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इसका अंदाजा नहीं था कि विरोध प्रदर्शन इस कदर भड़क जाएगा।
'अब डैमेज कंट्रोल मोड में हैं हम लोग', CAA, NRC के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन पर बोले केंद्रीय मंत्री- हमलोगों को ऐसी उम्मीद थी ही नहीं
केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान। (एक्सप्रेस फाइल फोटो)
देशभर में एनआरसी और सीएए के खिलाफ इतने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन होगा, इसकी उम्मीद खुद सरकार में बैठे दिग्गज नेताओं को भी नहीं थी। केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने भी इस बात को माना है। उन्होंने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि इस तरह का विरोध प्रदर्शन होगा। उन्होंने कहा, 'सिर्फ मैंने ही नहीं, भाजपा के अन्य सांसद भी जनता की ऐसी नाराजगी नहीं सोच सकते थे।' उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि इस बिल को पारित कराने के पीछ जो राजनीतिक गणित लगाई जानी चाहिए थी, वो नहीं लगाई गई।'


इसी बीच रॉयटर्स ने एक अन्य केंद्रीय मंत्री के हवाले से कहा कि 'अब हम डैमेज कंट्रोल मोड में हैं।' खबर के मुताबिक भाजपा अब सहयोगी दलों के पास जा रही है ताकि नागरिकता कानून को लेकर खड़ी मुश्किल दूर किया जा सकें। इसके अलावा भाजपा और सहयोगी दलों ने एक अभियान शुरू किया है ताकि लोगों को यह बताया जा सके कि कानून भेदभाव करने वाला नहीं है।


केंद्रीय मंत्री के अलावा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इसका अंदाजा नहीं था कि विरोध प्रदर्शन इस कदर भड़क जाएगा। पीएम मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में बकायदा रैली कर खुद सफाई दी कि एनआरसी पर सरकार की अभी कोई योजना नहीं है। उन्होंने डिटेंशन सेंटर्स पर भी सफाई दी। पीएम ने कहा कि सबकुछ कांग्रेस और अर्बन नक्सल द्वारा फैलाया गया झूठ है।


अपने पुराने बयानों में सीएबी के बाद एनआरसी लागू करने की बार-बार अपनी प्रतिबद्धता जता चुके अमित शाह भी पीछे हटते नजर आए। न्यूज एजेंसी एएनआई से साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि कैबिनेट में अभी इस बिल पर चर्चा नहीं हुई है।


बता दें कि प्रदर्शनकारियों को डर है कि नागरिकता संशोधन एक्ट NRC (नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर) द्वारा पहचाने जाने वाले गैर-मुस्लिम अवैध प्रवासियों को चिन्हित करेगा, और ये बड़ी संख्या में मुसलमानों की नागरिकता रद्द कर देगा